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“न्यूयॉर्क में भारतीय कांसुलेट ने धोखाधड़ी यात्रा एजेंटों से सावधान रहने की चेतावनी दी”

“न्यूयॉर्क में भारतीय कांसुलेट ने भारतीय समुदाय को धोखाधड़ी करने वाले यात्रा एजेंटों के बारे में चेतावनी दी है, जो सेवाओं के लिए अधिक शुल्क लेते हैं और नकली दस्तावेज प्रस्तुत करते हैं। इन एजेंटों ने एक ऐसा प्रमाणपत्र के लिए $450 तक का चार्ज किया है जिसकी वास्तविक लागत केवल $17 है। कांसुल जनरल बिनया प्रधान ने लोगों को सलाह दी है कि वे सेवाओं के लिए सीधे कांसुलेट से संपर्क करें।”

**संक्षेप में:**

– न्यूयॉर्क में भारतीय कांसुलेट ने धोखाधड़ी करने वाले यात्रा एजेंटों के खिलाफ चेतावनी दी है।

– आवेदकों को उच्च शुल्क से बचने के लिए सीधे कांसुलेट से संपर्क करने की सलाह दी गई है।

– भारतीय कांसुलेट ने डिजिटल टूल्स और छात्रों के लिए सहायता भी शुरू की है।

न्यूयॉर्क में भारतीय कांसुलेट ने भारतीय समुदाय को ऐसे धोखाधड़ी करने वाले यात्रा एजेंटों के उपयोग से सावधान रहने की सलाह दी है जो कांसुलेटरी सेवाओं के लिए अधिक शुल्क लेते हैं और नकली दस्तावेज प्रस्तुत करते हैं। कांसुल जनरल बिनया प्रधान ने बताया कि एजेंटों ने Overseas Citizen of India (OCI) कार्ड, वीजा, पासपोर्ट और आपातकालीन प्रमाणपत्र जैसे सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क लिया है। उदाहरण के लिए, आपातकालीन प्रमाणपत्र के लिए $450 तक चार्ज किया गया है, जबकि इसकी वास्तविक लागत केवल $17 है।

कांसुलेट अमेरिका के उत्तर-पूर्वी राज्यों – कनेक्टिकट, मेन, मैसाचुसेट्स, न्यू हैम्पशायर, न्यू जर्सी, न्यूयॉर्क, ओहायो, पेंसिल्वेनिया, रोड आइलैंड, और वर्मोंट को सेवा प्रदान करता है, जहाँ लगभग 2.5 मिलियन भारतीय निवास करते हैं, जो अमेरिका में कुल भारतीय डायस्पोरा का 40-45% हैं।

प्रधान ने कहा कि आवेदकों को एजेंटों की आवश्यकता नहीं है, वे सीधे कांसुलेट से संपर्क कर सकते हैं।

– **कांसुलेट से सीधे संपर्क करने की सलाह:** कांसुल जनरल बिनया प्रधान ने कहा कि सेवाओं के लिए सीधे कांसुलेट से संपर्क करें और एजेंटों को उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने एजेंटों द्वारा अधिक शुल्क लेने और नकली दस्तावेजों के उपयोग की जानकारी दी।

– **धोखाधड़ी की चेतावनी:** कांसुलेट ने पाया कि एजेंटों द्वारा आवेदकों की ओर से नकली दस्तावेज (पहचान, आवासीय पता, और उपयोगिता बिल) प्रस्तुत किए जाते हैं, जिससे देरी और कानूनी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। उन्होंने 140 से अधिक नकली ई-वीजा वेबसाइटों की भी खोज की है जो आधिकारिक भारतीय सरकार की साइट्स की तरह दिखती हैं।

– **डिजिटल पहलों और छात्र समर्थन:** कांसुलेट ने सेवाओं को सुगम बनाने के लिए डिजिटल टूल्स जैसे ‘प्रमित’, ‘भारती चैटबॉट’, और एक मोबाइल ऐप की शुरुआत की है। इसके अलावा, कांसुलेट महीने में दो बार ओपन हाउस आयोजित करता है जहाँ आवेदक बिना पूर्व नियुक्ति के कांसुलर अधिकारियों से मिल सकते हैं। डिप्टी कांसुल जनरल वरुण जेफ ने भी कहा कि कांसुलेट सेवाओं के लिए एजेंटों की कोई आवश्यकता नहीं है, और VFS Global की सेवा का उपयोग किया जा सकता है।

– **छात्रों के लिए विशेष ध्यान:** कांसुलेट ने छात्रों को इंटर्नशिप अवसर, वकील और चिकित्सा जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ आपातकालीन स्थितियों में बेहतर संचार के लिए कांसुलेट के पोर्टल्स पर पंजीकरण करने की सलाह दी है। OCI कार्ड प्राप्त करने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया, जो एक स्थायी वीजा के रूप में कार्य करता है और भारत से बेहतर संबंध स्थापित करता है।

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